विद्युत आवेश को हम दैनिक जीवन में भी अनुभव करते हैं, जब हम कंगी को सूखे बालों से रगड़ने के बाद कागज के छोटे टुकड़ों के पास ले जाए तो वह कागज के टुकड़ों को आकर्षित करने लगता है क्योंकि घर्षण के कारण कंगी आवेशित हो जाती है और वह कागज के टुकड़ों को आकर्षित करती है, ऐसा ही होता है जब हम किसी कांच की छड़ को रेशम के कपड़े से रगड़ते हैं ।

परिभाषा

''किसी भी पदार्थ का वह गुण जिसके कारण विद्युत तथा चुंबकीय प्रभाव उत्पन्न होते हैं विद्युत आवेश कहलाता है।''

विद्युत आवेश का मात्रक

विद्युत आवेश का S.I. मात्रक कूलाम है, इसे C से प्रदर्शित करते हैं । 1 कूलाम वह आवेश है जो किसी तार में 1 एंपियर विद्युत धारा को 1 सेकंड प्रवाहित करने से प्राप्त होता है ।

विद्युत आवेश के प्रकार

वैज्ञानिकों ने पता लगाया कि आवेश दो प्रकार के होते हैं।
धन आवेश- जब किसी पदार्थ में इलेक्ट्रॉनों की कमी हो जाती है तो पदार्थ पर धन आवेश होता है ।
ऋण आवेश- जब किसी पदार्थ में इलेक्ट्रॉनों की अधिकता हो जाती है तो उस पथ पर आवेश ऋण आवेश होता है ।

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हम जानते हैं कि प्रत्येक पदार्थ के परमाणु में इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन पाए जाते हैं इलेक्ट्रॉन पर ऋण आवेश, प्रोटोन पर समान मात्रा में धन आवेश होता है तथा न्यूट्रॉन उदासीन होता है। किसी परमाणु का धन आवेशित होना उस पर इलेक्ट्रॉनों की कमी अथवा प्रोटोन की अधिकता को दर्शाता है ठीक इसी प्रकार किसी परमाणु का ऋण आवेशित होना उस पर इलेक्ट्रॉनों की अधिकता अथवा प्रोटोन की कमी को दर्शाता है। दो इलेक्ट्रॉनों के बीच विद्युत बल दो प्रोटॉन दोनों के बीच विद्युत बल के बराबर होता है हम मान सकते हैं कि इलेक्ट्रॉन पर आवेश प्रोटॉन पर आवेश के बराबर होता है। इलेक्ट्रॉन - इलेक्ट्रॉन व प्रोटोन - प्रोटोन एक दूसरे को प्रतिकर्षण करते हैं, जबकि इलेक्ट्रॉन और प्रोटॉन आपस में एक दूसरे को आकर्षण करते हैं ।

आवेश का क्वांटीकरण

प्रकृति में पाए जाने वाले सभी आवेश इलेक्ट्रॉन तथा प्रोटॉन के आवेश के पूर्ण गुणांक होते हैं इस सिद्धांत को आवेश का क्वांटीकरण का सिद्धांत कहते हैं। यदि प्रोटॉन पर आवेश e तथा इलेक्ट्रॉन पर आवेश -e माने तो किसी भी पदार्थ पर आवेश इनका पूर्ण गुणांक ±e, ±2e, ±3e.... ±ne होगा ।

आवेश का संरक्षण नियम

किसी भी विलगित निकाय मैं कुल आवेश संरक्षित रहता है, हम कह सकते हैं कि आवेश को ना तो उत्पन्न किया जा सकता है और ना ही नष्ट किया जा सकता है आवेश एक वस्तु से दूसरी वस्तुओं में स्थानांतरित होता रहता है ।

आवेश से संबंधित महत्वपूर्ण बातें

  1. विद्युत आवेश को ना ही उत्पन्न किया जाए सकता है, और ना ही नष्ट किया जा सकता है।
  2. इलेक्ट्रॉन के आवेश को न्यूनतम आवेश माना गया है, सभी आवेश इलेक्ट्रॉन के आवेश के पूर्ण गुणांक होते हैं।
  3. किसी चालक के किसी बिंदु से प्रति सेकंड गुजरने वाली आवेश की मात्रा उस बिंदु पर प्रवाहित विद्युत धारा को दर्शाती है।
  4. धनात्मक तथा ऋण आत्मक आवेश को मूल रूप से अमेरिकी आविष्कारक बेंजामिन फ्रैंकलिनद्वारा दिया गया था।

प्रश्न और उत्तर

  1. विद्युत आवेश किसे कहते हैं?
    ''किसी भी पदार्थ का वह गुण जिसके कारण विद्युत तथा चुंबकीय प्रभाव उत्पन्न होते हैं विद्युत आवेश कहलाता है।''
  2. विद्युत आवेश की इकाई क्या है?
    आवेश की इकाई कूलाम है, इसे C से प्रदर्शित करते हैं।
  3. आवेश का सूत्र क्या होता है?
    विद्युत आवेश का सूत्र q=i × tहै।
  4. विद्युत आवेश कितने प्रकार के होते हैं?
    आवेश दो प्रकार के होते हैं, धन आवेश तथा ऋण आवेश।
  5. इलेक्ट्रॉन, प्रोटोन तथा न्यूट्रॉन पर कितना आवेश होता है ?
    इलेक्ट्रॉन पर ऋणात्मक 1.602176634 × 10−19कूलाम आवेश होता है तथा प्रोटोन पर धनात्मक 1.602176634 × 10−19कूलाम आवेश होता है जबकि न्यूट्रॉन उदासीन होता है।