यहां पर भौतिक अवस्था से तात्पर्य उस चालक के ताप, दाब इत्यादि से है।
यदि विद्युत विभवांतर V तथा चालक में प्रवाहित धारा I हो तो,
V ∝ I
V=IR
यहां R एक अनुक्रमानुपाती नियतांक है जो चालक का वैद्युत प्रतिरोध दर्शाता है ।
ओम के समीकरण में मात्रक तथा उनके प्रतीक चिन्ह,
- विभवांतर का मात्रक बोल्ट है, जिसे V द्वारा प्रदर्शित किया जाता है
- विद्युत धारा का मात्रक एंपियर है, जिसे A द्वारा प्रदर्शित किया जाता है
- प्रतिरोध का मात्रक ओम है, जिसे Ω द्वारा प्रदर्शित किया जाता है
ओम का त्रिभुज नियम
इस त्रिभुज का उपयोग हम विद्युत धारा, विभांतर तथा प्रतिरोध के बीच संबंधों को आसानी से याद करने के लिए करते हैं, जब हमें किसी परिपथ में विभवांतर निकालने की आवश्यकता होती है तो इस त्रिभुज के अनुसार V=IR, विद्युत धारा को निकालने के लिए इस त्रिभुज के अनुसार I=V/R तथा इसी प्रकार प्रतिरोध के लिए R=V/I होता है ।

I-V ग्राफ
जब हम किसी चालक के सिरों पर आरोपित विभवांतर तथा चालक में प्रवाहित संगत विद्युत धारा के लिए ग्राफ खींचते हैं, तो हमें एक सरल रेखा दिखाई देती है जो कि मूल बिंदु से होकर जाती है तथा इसका V अच्छ से ढलान नियत होता है जो प्रतिरोध को दर्शाता है। जैसे जैसे हम वोल्टेज को बढ़ाते हैं वैसे ही विद्युत धारा भी बढ़ती है । अतः यहां विभवांतर, विद्युत धारा के समानुपाती है, यही ओम का नियम है ।

ओम के नियम और विद्युत शक्ति का संबंध
विद्युत शक्ति (P) किसी सर्किट में ऊर्जा के स्थानांतरण की दर को दर्शाती है। इसका सामान्य सूत्र है:
P=V ⋅ I
ओम के नियम का उपयोग करके शक्ति के अन्य रूप निकाले जा सकते हैं:
धारा और प्रतिरोध के संदर्भ में:
P=I2 ⋅ R
वोल्टेज और प्रतिरोध के संदर्भ में:
P= V2/ R
इकाई: वॉट (W)
ओम के नियम की सीमाएं
- यह डायोड, ट्रांजिस्टर के लिए मान्य नहीं है क्योंकि यह विद्युत धारा को केवल एक ही दिशा में प्रवाहित होने देते हैं।
- अधात्विक चालकों के लिए मान्य नहीं होता।
- इस नियम के लिए चालक का तापमान स्थिर रहना चाहिए ।
- यह धारा के कम मान के लिए ही मान्य है क्योंकि अधिक धारा प्रवाह से चालक का तापमान बढ़ जाता है।
- नियम तभी मान्य है, जब चालक के लिए सभी भौतिक अवस्थाएं स्थिर रहें।
ओम के नियम का उदाहरण
- यदि किसी चालक के सिरों पर विभवांतर 10 विभांतर तथा उस में प्रवाहित धारा 2 एंपियर है तो चालक का प्रतिरोध ज्ञात कीजिए?
इसका उत्तर ज्ञात करने के लिए हम ओम के नियम का प्रयोग करेंगे जिसके अनुसार V=IR
प्रश्न के अनुसार V=10 वोल्ट, I=2 एंपियर
प्रतिरोध R=V/I
R=10/2
R=5 ओम
अतः प्रतिरोध 5 ओम होगा। - यदि किसी चालक मैं प्रवाहित धारा 5 एंपियर है तथा चालक का प्रतिरोध 10 ओम है तो उस चालक के सिरों पर विभांतर ज्ञात कीजिए?
इसका उत्तर ज्ञात करने के लिए हम ओम के नियम का प्रयोग करेंगे जिसके अनुसार V=IR
प्रश्न के अनुसार I=5 एंपियर, R=10 ओम
विभांतर V=IR
V=5*10
V=50 विभांतर
अतः विभांतर 50 वोल्ट होगा।
प्रश्नोत्तर (Q&A)
- ओम के नियम की परिभाषा दीजिए ?
किसी चालक में प्रवाहित धारा उस चालक के सिरों के बीच विभवांतर के अनुक्रमानुपाती होती है यदि उस चालक की भौतिक अवस्था नियत रहे। - ओम के नियम का सूत्र क्या है ?
इसका गणितीय सूत्र V=IR है। - ओम के नियम में तार का ताप नियत क्यों होना चाहिये?
ओम के नियम में तार के तापमान को स्थिर रखा जाता है, क्योंकि अधिक तापमान होने पर चालक की चालकता तथा प्रतिरोधकता प्रभावित होती है, जिस कारण ओम का नियम वैद्य नहीं रहता । - क्या ओम का नियम अर्धचालक पर लागू होता है ?
यह नियम अर्धचालकों पर लागू नहीं होता क्योंकि इनमें विभवांतर तथा धारा का अनुपात नियत नहीं रहता । - ओम के नियम की खोज किसके द्वारा की गई थी ?
ओम के नियम की खोज जर्मन वैज्ञानिक “डॉ. जॉर्ज साइमन ओम” ने की थी ।